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Pad Woman: Bharti Singh Chauhan

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वाे थकी नहीं, रूकी नहीं,

उनका मकसद तो चलना था,

अपने लिए नहीं,

उनको दूसरों के लिए जीना था।

पैड वूमन आँफ राजस्थान भारती सिंह चौंहान स्वयंसेवी संस्था प्रवीणलता संस्थान की फांउडर चेयरपर्सन है। उन्हें अपने सामाजिक कार्य के लिए 36 राष्ट्रिय और अंतराष्ट्रीय पुरस्कारों के साथ महामहिम राष्ट्रपती प्रणव मुखरजी भी सम्मानित कर चुके है । भारती सिंह चौहान को अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को में फेसबुक मुख्यालय में भी सम्मानित किया गया । इन्हे बालिका शिक्षा और स्वास्थय पर किए जा रहे सामाजिक कार्य के लिए ब्रांड अम्बेसडर भी बनाया गया है । यह कई कोरपोरेट के सेक्ससुअल हरेसमंट कमेटी मेंबर भी है ।

इनके संस्थान का नारा है :- बेटी बचाओं,बेटी पढ़ाओं और बेटियों की सुरक्षा

संस्थान द्वारा संचालित प्रमुख प्रोजेक्ट्स

01; शिक्षा से सम्बंधित लाड़ली कम्युनिटी डेवलपमेंट प्रोग्राम :

ये अब तक क़रीब 540 किशोरी बालिकाओं को जोड़ चुकी है साथ ही 9,988 बालिकाओं को एजुकेशनल सपोर्ट कर चुकी है |

02; स्वास्थ्य से सम्बंधित स्पॉटलेस डेम :

इसी क्रम में स्पॉटलेस डैम है जो सही और सुरक्षित माहवारी प्रबंधन की बात करता है | राजस्थान के 8 जिलों के शहरी और ग्रामीण परिवेश की ज़रूरतमंद किशोरियों और महिलाओं को निःशुल्क सैनेटरी पेड भी उपलब्ध करवा रही है | अभी तक संस्था ज़रूरतमंद 9,131 किशोरियों और महिलाओं को पर्सनल हाइजीन और मेंस्टरेशन हाइजीन पर ट्रेंनिंग दे चुकी है साथ ही 1,36,976 पैड्स भी निःशुल्क उपलब्ध करवा चुकी है | अभी ये क्लॉथ रीयूज़बल सैनिटरी पेड पर कार्य कर रही है और बाँट भी चुकी हैं जिसकी वजह से ये अब तक 40,872 किलो सेनिटरी अपशिस्ट को बचा चुकी है जो पर्यावरण को हानि पहुंचा सकते थे |

03; सुरक्षा से सम्बंधित मिशन :

94 कार्यशालाओं के माध्यम से व्यक्तिगत सुरक्षा, जागरूकता और आत्मरक्षा पर 24,290 लड़कियों को प्रशिक्षित किया |

इनका जन्म 27 अक्टूबर 1979 को जयपुर में एक संभ्रांत परिवार में हुआ | इनका बचपन बैंगलोर में बहुत ही ऐशो आराम में बीता | व्यापार में घाटे की वजह से पिताजी क़र्ज़ में डूब गए और ये अपने पुश्तेनी मकान जयपूर में आ गये | सगे सम्बन्धियों सभी ने इनकी तरफ से मुँह फेर लिया था | ये दिन में पढ़ाई करती और शाम से रात भर साड़ी में फ़ोल लगाने और मेहंदी लगाने का काम करती थी | फिर भी इन्होंने अच्छे नंबरों से पढ़ाई की और एक अच्छे दोस्त को अपना जीवन साथी बनाया। इन्होंने अपनी मां और सास के नाम से प्रवीण लता संस्था का निर्माण किया है, जहाँ पर ये बच्चों की और औरतों की हर सम्भव मदद देने का प्रयास करते हैं |

मुशिकलो से, जीवन की हर परेशानी से वो लडी़,

वो जब लड़ी तो वो आज एक हर,

नारी के लिए है खड़ी |


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